फिलिप्स वक्र (Phillips Curve) बेरोजगारी की दर और मौद्रिक मजदूरी की दर के बीच संबंध की जाँच करता है। यह वक्र आर्थिक नीति और श्रम बाज़ार का अध्ययन करने के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण है।
फिलिप्स वक्र (Phillips Curve) से संबंधित महत्वपूर्ण बातें
- 1958 में न्यूज़ीलैंड के अर्थशास्त्री एडब्ल्यू फिलिप्स (A.W. Phillips) ने इस वक्र का प्रतिपादन किया।
- बेरोजगारी और मजदूरी वृद्धि दर के बीच विपरीत संबंध होता है।
- जब बेरोजगारी कम होती है, तो श्रमिकों की कमी के कारण मजदूरी बढ़ती है।
- जब बेरोजगारी अधिक होती है, तो मजदूरी वृद्धि दर कम हो जाती है।
- कम बेरोजगारी → अधिक मुद्रास्फीति
- अधिक बेरोजगारी → कम मुद्रास्फीति